ऊष्मा और ताप में अंतर
यहाँ हम कुछ अंतर का अध्ययन करते है, इनको पढने के बाद हम दोनों में अन्तर को आसानी से समझ जायेंगे।
1. ऊष्मा किसी वस्तु या पिण्ड की ऊर्जा को कहते है तथा तापमान किसी पिण्ड की ऊर्जा के मापन को कहते है।
2. किसी भी वस्तु की गतिज तथा स्थितिज ऊर्जा के योग को सम्पूर्ण रूप से ऊष्मा द्वारा बताया जा सकता है जबकि किसी पदार्थ की केवल अणुओं की गतिज ऊर्जा को ही ताप कहा जा सकता है।
![]() |
ऊष्मा और ताप में अंतर |
3. उष्मा का प्रवाह गर्म वस्तु से ठण्डी वस्तु की तरफ होता है जबकि गर्म वस्तु का ताप गर्म करने पर बढ़ता है तथा ठंडा करने पर कम होता जाता है।
4. ऊष्मा द्वारा कार्य करने की क्षमता होती है जबकि ताप में कार्य करने की क्षमता नहीं होती है अर्थात उष्मा को कार्य में रूपांतरित किया जा सकता है लेकिन ताप को नहीं।
5. ऊष्मा की मापन की इकाई जूल होती है जबकि ताप की इकाई केल्विन होती है।
6. ऊष्मा का मापन जिस यन्त्र द्वारा किया जाता है उसे कैलोरीमीटर कहते है जबकि ताप का मापन जिस यन्त्र द्वारा करते है उसे थर्मोमीटर कहते है।
7. ऊष्मा को T द्वारा व्यक्त किया जाता है जबकि तापमान को T द्वारा व्यक्त किया जाता है।
ऊष्मा (Heat):- ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा हैं, जो दो वस्तुओं के बीच उनके तपांतर के कारण एक वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानांतरित होती हैं। इसे कार्य में बदला जा सकता है। ऊष्मा का आंतरिक तुल्यांक एक स्थिरंक होते हैं। इसे "J" से प्रदर्शित करते हैं।
ऊष्मा का संचरण
ऊष्मा के संचरण की तीन विधियां हैं---
१.) चालन (Conduction):- ठोस तथा पारे में ऊष्मा का संचरण केवल चालन द्वारा होता है। पदार्थों का वर्गीकरण तीन प्रकार से होता है
चालक - सभी धातु, अम्लीय पदार्थ, मानव।
कुचालक - लकड़ी।
ऊष्मारोधी - एबोनाईट, एसबस्ट्स।
२.) संवहन (Convection):- केवल गैसों और द्रवों में संवहन होता है। गैस के अणु गर्म होने पर हल्के हो जाते हैं और ऊपर उठने लगते हैं। पृथ्वी का वायुमंडल संवहन द्वारा गर्म होता हैं।
३.) विकिरण (Radiation):- ऊष्मा के संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती हैं। इसके द्वारा ऊष्मा का संचरण निर्वात में भी होता है। पृथ्वी तक सूर्य की ऊष्मा विकिरण द्वारा पहुंचती हैं।
ऊष्मा संचरण का दैनिक जीवन में उपयोग
चालन प्रक्रिया से :---
एस्किमो बर्फ की दोहरी दीवानों के मकान में रहते हैं क्योंकि बर्फ ऊष्मा का कुचालक है।
शीत ऋतु में लकड़ी और लोहे की कुर्सियां एक ही ताप पर होते हैं परंतु लोहे की कुर्सी छूने पर अधिक ठंडी लगती हैं।
धातु के प्याले में चाय पीना कठिन है जबकि चीनी मिट्टी के प्याले में चाय पीना आसान होता है।
संवहन प्रक्रिया में :---
रेफ्रिजरेटर में फ्रीजर पेटिका को ऊपर रखा जाता है क्योंकि नीचे की गरम वायु हल्के होने के कारण ऊपर उठती हैं तथा फ्रीजर पेटिका से टकराकर ठंडी हो जाती हैं।
बिजली के बल्ब में निष्क्रिय गैस भरने से तंतु की उस्मा संवहन धाराओं द्वारा चारों ओर फैल जाती हैं और तंतु का ताप उसके गलनांक तक नहीं बढ़ पाता है।
विकिरण :---
बादलों वाली रात, स्वच्छ रात की अपेक्षा गर्म होती हैं क्योंकि बादल उस्मा के बुरे आवश्यक होते हैं।
रेगिस्तान में दिन गर्म एवं रातें ठंडी होती हैं क्योंकि रेत ऊष्मा का अच्छा अवशोषक हैं।
चाय की केतली की बाहरी सतह चमकदार बनाए जाते हैं जिससे चाय देर तक गर्म रहती है।
गुप्त ऊष्मा क्या है?
नियत ताप पर पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के लिए उस्मा की आवश्यकता होती है, उसे ही पदार्थ की गुप्त ऊष्मा कहते हैं। इसे जुल/किलोग्राम या कैलोरी/ग्राम में मापा जाता है।
एक टिप्पणी भेजें