भारत में प्रमुख नदियों के नाम।

 भारत में प्रमुख नदियों के नाम


   
भारत में प्रमुख नदियों के नाम

भारत में प्रमुख नदियों के नाम



गंगा (Ganga):- यह नदी गंगोत्री के पास गोमुख हिमानी से निकलती हैं। यह भारत की सबसे बड़ी (2510km) हैं तथा पवित्र नदी मनी जाती हैं। पशिचम बंगाल में इस नदी पर फरक्का बांध स्थित हैं।


    यह नदी पशिचम बंगाल में विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा सुंदरवन का डेल्टा बनाती हैं, जिसे जैव विविधता का क्षेत्र कहते है।


    यहां पर मैंग्रोव वन पाए जाते है। यही पर सुंदरी वृक्ष पाए जाते हैं। यह बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। इसकी सहायक नदियों में यमुना, गंडक, घाघरा तथा कोशी आदि नदियहं प्रमुख हैं।




ब्रह्मपुत्र:-  यह नदी मानसरोवर झील के पास से निकलती हैं। तिब्बत में इसे संगापों और अरुणाचल प्रदेश में दिहांग कहलाती हैं।



सतजल:-  यह नदी मानसरोवर झील के पास राक्षसतल से निकलती हैं। इसी नदी पर पंजाब में भारत का सबसे ऊंचा बांध भाखड़ा नांगल बनाया गया है। इसी बांध के पीछे भारत की सबसे लंबी कृत्रिम झील गोविंद सागर झील का निर्माण हुआ है। इसी बांध से राजस्थान की जीवनधारा कहलाने वाली इंदिरा नहर का उद्गम हुआ है।



यमुना:- यह यमुनोत्री हिमानी से निकलती है और इलाहाबाद में गंगा के साथ मिलकर संगम का निर्माण करती हैं। इसकी सहायक नदियों में टोंस, चंबल, बेतवा, केन तथा सिंध आदि प्रमुख हैं।



झेलम:-  यह कश्मीर के बेरीनाग के निकट शेषनाग झील से निकलती हैं। इसी नदी पर मीठे पानी की भारत की सबसे बड़ी झील वूलर झील स्थित हैं। इस नदी पर भारत द्वारा प्रायोजित तुलबुल परियोजना का पाकिस्तान के द्वारा विरोध किया जा रहा है  किशनगंगा किसकी सहायक नदी है।



सिंधु:-  यह तिब्बत में कैलाश पर्वत से निकलती हैं और भारत होते हुए पाकिस्तान के रास्ते अरब सागर में गिरती हैं। सिंधु समझौते के अंतर्गत भारत इस के जल का इस्तेमाल नहीं कर सकता। इसकी सहायक नदियों में सतजल, चिनाव, रावी, व्यास तथा झेलम प्रमुख हैं।



ताप्ती:-  यह बैतूल के निकट मुलताई से निकलती है। यह भी बाकी नदियों के विपरीत नर्मदा की भांति पश्चिम की ओर प्रवाहित होते हुए खंभात की खाड़ी में गिरती है।  और यह डेल्टा की बजाय ईशचुआरी (ज्वारनदमुख) का निर्माण करती हैं।



नर्मदा:-  यह अमरकंटक से निकलती हैं। यह विंध्यांचल एवं सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के मध्य से बाकी नदियों के विपरीत पश्चिम दिशा में प्रवाहित होकर खंभात की खाड़ी में गिरती हैं। यह जबलपुर में भेड़ाघाट के समीप धुआंधार जलप्रपात का निर्माण करती हैं।

    

      यह नदी डेल्टा का निर्माण नहीं करती बल्कि ईशचुआरी (ज्वारनदमुख) बनाती हैं। इस नदी पर सरदार सरोवर परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। इसे प्राचीन काल में रेवा के नाम से जाना जाता था।




महानदी:-  यह धमतरी के निकट सिहावा पर्वत से निकलती हैं। इसे छत्तीसगढ़ की गंगा कहा जाता है। यह राजिम में सोंधुर तथा पैरी नदी के साथ मिलकर संगम का निर्माण करती है। इसी कारण राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहते हैं। यह नदी उड़ीसा के संबलपुर में भारत का सबसे लंबा बांध हीराकुंड बांध का निर्माण करती हैं और बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। ब्राह्मनी तथा वैतरणी इसकी सहायक नदियां हैं।



सोन:-  यह अमरकंटक की पहाड़ियों से निकलती हैं और उत्तर की ओर बहते हुए पटना के निकट गंगा नदी में जाकर मिल जाती है।



क्षिप्रा:-  यह इंदौर के निकट काकरीबड़ी पहाड़ी से निकलती हैं। इसके किनारे उज्जैन का विख्यत महाकालेश्वर मंदिर स्थित है जहां प्रति 12 वें वर्ष कुंभ का मेला लगता है। यह चंबल नदी में मिल जाती है।



गंडक:-  यह नेपाल से निकलने वाली नदी हैं। गंडक को नेपाल में शालिग्राम तथा मैदानी भाग में नारायणी कहा जाता है। यह गंगा नदी में जाकर मिलती हैं इसकी सहायक नदियां काली गंडक तथा त्रिशूली गंगा हैं। इस में मिलने वाले गोल-गोल पत्थरों को शालिग्राम कहा जाता है।



चंबल:-  यह मध्य प्रदेश में मऊ के समीप जानापाव पहाड़ी से निकलती हैं और यमुना में जाकर मिलती हैं। यह नदी देश के सबसे गहरे खड्ढों का निर्माण करती हैं। इसकी सहायक नदियों में बनास, पार्वती और शिप्रा  प्रमुख हैं।



गोदावरी:- यह नासिक के निकट त्रयंबकम पहाड़ीयों से निकलती हैं। यह दक्षिण भारत की सबसे लंबी नदी है। इसे दक्षिण गंगा के नाम से जाना जाता है। यह बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती हैं। इसकी सहायक नदियों में पवरा, पूर्णा, मंजीरा, वैनगंगा, इंद्रावती तथा साबरी आदि प्रमुख हैं। इसे वृद्ध गंगा भी कहा जाता है।



कृष्णा:-  यह महाराष्ट्र के महाबलेश्वर पहाड़ियों से निकलकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश होते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। इस नदी पर आंध्र प्रदेश में नागार्जुन सागर बांध का निर्माण किया गया है।



कावेरी:-  कर्नाटक की ब्रह्मगिरि की पहाड़ियों से निकलती हैं। यह दक्षिण भारत की सबसे पवित्र नदी हैं। इसे दक्षिण भारत की गंगा कहा जाता है। शिवसमुद्रम जलप्रपात कावेरी नदी पर स्थित है।


     इस नदी पर 1902 में सर्वप्रथम बिजली उत्पादन कियह गया था। इसके अलावा तमिलनाडु में मैटूर बांध का निर्माण किया गया है। इस नदी के जल बंटवारे को लेकर तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल व पांडिचेरी के बीच विवाद हैं।



साबरमती:-  यह उदयपुर जिले के दक्षिण-पश्चिम भाग से निकलती हैं। यह खंभात की खाड़ी में जाकर गिरती हैं। यह भारत की सर्वाधिक प्रदूषित नदी मानी जाती है।



लूनी:-  यह अजमेर जिले में स्थित अरावली के नाग पहाड़ियों से निकलती हैं और कच्छ के रण में गिरती हैं। इसकी सहायक नदियों में वाडी, सुकरी तथा मिठडी प्रमुख हैं। यह राजस्थान के मरुस्थल में बहती है।




कोसी:-  यह गोसाई थान के उत्तर स्थित चोटी से निकलती हैं और बिहार में गंगा में मिलती है। वर्षा काल में यह अत्यंत विनाशकारी होती हैं। अतः इसे बिहार का शोक कहा जाता है।



दामोदर:-  यह छोटा नागपुर पठार के टोडी नामक स्थान से निकलती हैं और हूंगली नदी में जाकर मिल जाती हैं। इसे बंगाल का शोक कहा जाता है। 


   इसी नदी पर भारत में सर्वप्रथम 1948 में पहली बहुउद्देशिय परियोजना दामोदर घाटी परियोजना प्रारंभ की गई थी। इसी के उद्घाटन के समय जवाहरलाल नेहरू ने भारत की बहुउद्देशीय परियोजनाओं को आधुनिक भारत का मंदिर कहा था।



बेतवा:-  यह मध्य प्रदेश के रसायन जिले के निकट विंद्यन पर्वत से निकलती हैं। और यमुना नदी में जाकर मिल जाती हैं।



पेरियार:-  यह केरल में पेरियार झील से निकलती है और केरल राज्य में प्रवाहित होती हैं।

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