धातु (Metal) की क्या परिभाषा है?
सामान्यतः धातुएं विद्युत की सुचालक होती है तथा अम्लों से क्रिया करके हाइड्रोजन गैस विस्थापित करती हैं। धातुएं समान्यतः चमकदार, आघातवाध्य एवं तन्य होते हैं। पारा एक ऐसी धातु जो द्रव अवस्था में रहती है।
पृथ्वी धातुओं की सबसे बड़ी स्रोत हैं तथा धातुएं पृथ्वी की भूपर्पटी में मुक्त अवस्था या यौगिक के रूप में पाई जाती हैं। भूपर्ती में मिलने वाली धातुओं में एलमुनियम, लोहा, कैल्शियम का कर्म से हैं प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान है।
खनिज (Minerals) क्या है?
भूपर्टी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्वों या यौगिकों को खनिज कहते हैं।
अयस्क (Ores) क्या है?
खनिज जिनसे धातुओं को आसानी से तथा कम खर्च में प्राप्त किया जा सकता है, उन्हें अयस्क कहते हैं। इसलिए सभी अयस्क खनिज होते हैं, लेकिन सभी खनिज अयस्क नहीं होते हैं। अतः सभी खनिजों का उपयोग धातु प्राप्त करने में नहीं किया जा सकता।
गैंग (Gangue) क्या है?
अयस्क में मिले अशुद्ध पदार्थ को गैंग कहते हैं।
फ्लक्स (Flux) क्या है?
अयस्क में मिले गैंग को हटाने के लिए बाहर से मिलाए गए पदार्थ को फ्लक्स कहते हैं।
अमलगम (Amalgum) क्या है?
पारा अमलगम का आवश्यक अवयव होता है। पारा के मिश्र धातु अमलगम कहलाते हैं। ये निम्न धातुएं अमलगम नहीं बनाते हैं- लोहा, प्लेटिनम, कोबाल्ट, निकेल एवं टंगस्टन आदि।
एनीलिंग (Annealing) क्या है?
इस्पात को उच्च ताप पर गर्म कर धीरे-धीरे ठंडा करने पर उसकी कठोरता घट जाती हैं, इस प्रक्रिया को ही एनिलिंग कहते हैं।
लोहे में जंग लगने के लिए ऑक्सीजन व नमी की आवश्यक है। जंग लगने से लोहे का भार बढ़ जाते हैं। जंग लगना एक रासायनिक परिवर्तन का उदाहरण है।
लोहे में जंग लगने में बना पदार्थ जो फेरसोफेरिक ऑक्साइड होता है। यशदलेपन, तेल लगाकर, पेंट करके लोहे को जंग लगने से बचाया जा सकता है।
यशदलेपन क्या हैं?
लौह एवं इस्पात को जंग से सुरक्षित रखने के लिए उन पर जस्ते की पतली परत चढ़ाने की विधि को यशदलेपन कहते हैं।
इस्पात क्या है?
लोहा एवं 0.5% से 1.5% तक कार्बन की मिश्र धातु, इस्पात कहलाती है।
स्टेनलेस इस्पात क्या है?
यह लोहे व कार्बन के साथ क्रोमियम तथा निकल के मिश्र धातु होती हैं। यह जंग प्रतिरोधी अथवा धब्बा रहित होता है तथा इसका उपयोग शल्य उपकरण तथा बर्तन बनाने में किया जाता है।
कोबाल्ट इस्पात क्या है?
इसमें कोबाल्ट की उपस्थिति के कारण विशिष्ट चुंबकत्व का गुण आ जाता है। इसका उपयोग स्थायी चुंबक बनाने में किया जाता है।
मैंगनीज इस्पात क्या है?
मैंगनीज युक्त इस्पात दृढ़, अत्यंत कठोर एवं तोड़-फोड़ रोधी होता है। इसका उपयोग अभेद तिजोरी, हेलमेट आदि बनाने में किया जाता है।
धातुओं से संबंधित विविध तथ्य
धात्विक ऑक्साइड क्षारीय होते हैं, जबकि अधात्विक ओक्साइड अम्लीय होते हैं।
अधात्विक ऑक्साइड जल में घोलकर क्रिया करते हैं और अम्ल बनाते हैं।
धात्विक ऑक्साइड जल में घोलकर क्रिया करते हैं और क्षारक बनाते हैं।
सोडियम एक ऐसी धातु है जो जल पर तैरता है।
एलमुनियम को भविष्य की धातु कहा जाता है।
रक्त प्रवाह को रोकने के लिए फेरिक क्लोराइड का प्रयोग किया जाता है।
कोपर को खुली हवा में छोड़ने पर उस पर हरे कार्बोनेट की परत बन जाती है।
चार्जेबल बैटरी में इलेक्ट्रॉडों का काम का निकिल व कैडमियम का जोड़ा करता है।
ऑक्सीजन व एसिटिलीन गैस के मिश्रण का प्रयोग वेल्डिंग करने में किया जाता है।
मौजानाइट रेडियो एक्टिव खनिज है। ताप बढ़ाने पर ठोस पदार्थों की विलेयता बढ़ती है।
कमरे के ताप पर पारा धातु द्रव अवस्था में होती है। टंगस्टन का गलनांक उच्च होता है, जो लगभग 3500°C डिग्री होता है।
बिजली के बल्ब से टंगस्टन तंतु के उपचयन को रोकने के लिए हवा निकाल दी जाती है। कोबाल्ट के समस्थानिक का उपयोग कैंसर रोग के इलाज में किया जाता है।
पनडुब्बी, जहाजों तथा अस्पताल आदि की बंद हवा को शुद्ध करने में सोडियम पराक्साइड का प्रयोग उपयोग किया जाता है।
गैलियम धातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पाया जाता है। पर्ल एश पोटैशियम कार्बोनेट को कहते हैं।
विद्युत हीटर की कुंडली नाईक्रोम की बनी होती हैं। नाईक्रोम बहुत कठोर तथा तनय है।
सोने में सर्वाधिक तन्य होती है। ब्रिटानिया धातु, एंटीमनी तांबा व टिन की मिश्रधातु हैं।
टाइटेनियम इस्पात के बराबर मजबूत लेकिन भार में उसका आधा होता है। इसका उपयोग रक्षा उत्पादन में होता है। इसलिए इसे रणनीतिक धातु भी कहते हैं।
टाइटेनियम इस्पात का उपयोग वायुयान का फ्रेम तथा इंजन बनाने में नाभिकीय रिएक्टर में होता है।
शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है। आभूषण बनाने के लिए 22 कैरेट सोने का उपयोग होता है।
सोने को कठोर बनाने के लिए उसमें तांबा या चांदी मिलाए जाते हैं। आयरन पायराइट को झूठा सोना या बेवकूफों का सोना कहते हैं।
ट्यूबलाइट में समान्य रूप से पारा का वाष्प और गैस भरी रहती है।
कार्बन शीशा का उपयोग कृत्रिम अंगों के निर्माण में होता है तथा लेड आर्सेनिक नामक मिश्र धातु का उपयोग गोली बनाने में होता है।
अफ्रीका के बांटू आदिवासियों में लौह्मयता रोग पाए जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि उनमें लोहे का बर्तन में बीयर सेवन के कारण होता है। शरीर में लोहे की कमी से एनीमिया तथा अधिकता से लौहम्यता रोग होते हैं।
जिंक क्लोराइड के लेपन द्वारा लकड़ी की वस्तुओं को कीड़ों से बचाया जाता है। सिल्वर आयोडाइड का उपयोग कृत्रिम वर्षा कराने में होता है।
सिल्वर नाइट्रेट का प्रयोग निशान लगाने वाली स्याही बनाने में किया जाता है। मतदान के समय में मतदाताओं की अंगुलियों पर इसी का निशान लगाया जाता है।
सिल्वर नाइट्रेट सूर्य की प्रकाश में अपघटित हो जाने के कारण इसे रंगीन बोतलों में रखा जाता हैं।
सबसे अधिक घनत्व तथा सबसे भारी धातु तत्व ऑस्मियाम है।
प्लेटिनम सबसे कठोर धातु है। इसे सफेद सोना भी कहते हैं।
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